
कहते है किस्मत बदलते समय नही लगता,
मेरी किस्मत कहाँ खो गई मालूँम नही,
दिन बीतते जा रहे है, साल गुज़रते जा रहे है,
मै बी वहीं हु, मेरे बुरे दिन बी वहीं है!
आज आहट हुई है,
किसी के चलने की आवाज़ आई है,
लगता है किस्मत को मेरी लकीर दिखी है,
लकीर मै छुपी मायूसी दिखी है!
ये क्या हुआ मायूसी युहीं रह गई,
लकीरे युहीं मायूस रह गई,
किस्मत को मेरे घर का रास्ता मिल तो गया,
लगता है पता ढूंढ़ने मै किसी और घर रह गई!
अंत यही कहुगा
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