![मां शैलपुत्री's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40vikas-sharmashivaaya/None/IMG_20211007_072104_893_07-10-2021_07-28-31-AM.jpg)
ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
नवरात्र का आरंभ आज से हो चुका है-नवरात्र के पहले दिन पर्वतराज हिमालय की पुत्री पार्वती के स्वरूप में साक्षात मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है और कलश स्थापना की जाती है। पुराणों में कलश को भगवान गणेश का स्वरूप माना गया है !
ऐसा है मां का स्वरूप:- मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प है। यह नंदी नामक बैल पर सवार संपूर्ण हिमालय पर विराजमान हैं। इसलिए इनको वृषोरूढ़ा और उमा के नाम से भी जाना जाता है। यह वृषभ वाहन शिवा का ही स्वरूप है। घोर तपस्या करने वाली शैलपुत्री समस्त वन्य जीव-जंतुओं की रक्षक भी हैं। शैलपुत्री के अधीन वे समस्त भक्तगण आते हैं
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