हस पड़ेंगे एक दिन's image
103K

हस पड़ेंगे एक दिन

बहुत देर से मोबाइल का रिंग बज रहा

वो जैसे तैसे दौड़ते पड़ते किचेन से आती है

फोन कान के पास लगा कर बड़ी बेचैनी से बोली...

हेलो ... हेलो

मैं एक गहरी सांस लेते हुए धीमी आवाज़ में बोला हेलो...

मेरी आवाज़ सुनकर मानो वो लगभग रो सी पड़ी

आवाज़ संभालते हुए पूछी 

कहां तक पहुंची तुम्हारी ट्रेन

मै एक वाक्य में उत्तर दिया 

तुम्हारे घर के पास वाले स्टेशन से एक स्टेशन पहले रुकी है


वह तुरंत छत पर आ जाती है

मुझे कहती है तुम दरवाजे पे आ जाओ


जो दो लोग पहले से दरवाजे पर खड़े

उन्हे हटाकर मै देख रहा तुम्हारे घर तरफ़ में

जैसे फिलिस्तीनी बच्चे देखते ध्यान लगाकर

युद्ध में जाते अपने पिता की तरफ


तुम्हारे घर के पास आते आते तुम दिख जात

Read More! Earn More! Learn More!