बात, बात पे बात बनाते हैं लोग
बिना बात के भी,बात बनाते हैं लोग
बनाते बात,तो बात बात में बतलाते हैं लोग
जो हुयी ही नहीं,वो बात भी बड़ी ख़ूबसूरती से समझाते हैं लोग
बनाकर बात इतनी,न जाने क्या पाते हैं लोग
कान लगाकर सुन ; बना रहे बात,आते जाते लोग"
बात, बात की बात बाद में पता चलती है
बात, बात से बात बनती तो बात निकलती है
बात, बात की बात होकर बेक़ाबू हाथों से निकलती है
बात, बात को बात कुछ नहीं ये बात, बात से पता चलती है
बात, बात का बात बनाकर जाने कहाँ कहाँ पहुँचाते हैं लोग
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