
जब तुम तुम ना रह पाओ
मैं भी खुद सी ना रह पाऊं
जब चाहो तुम मुझसा होना
और मैं तुम जैसी बन जाऊं
प्रेम की पावन परिणति हो ऐसी
आंख खुले तो तुमको पाऊं
पलकों में भी तुम्हें सजाऊं
बंद हों या खुले हों जब भी
तुम्हारे नयनों में मैं इतराऊं
प्रेम की पावन परिणति हो ऐसी
मेरे नाम में तुम बस जाओ
तुम्हारे नाम में मैं रस जाऊं
नाम पुकारे कोई तुम्हारा
Read More! Earn More! Learn More!