कच्ची दाल से मुग़लई पकवान का सफ़र..19/40.  40 Poems in 40 Days's image
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कच्ची दाल से मुग़लई पकवान का सफ़र..19/40. 40 Poems in 40 Days

कच्ची दाल और अधपके चावलों से

मुगलई पकवान तक का ये सफर

इतना आसान नहीं,

पर इतना मुश्किल भी नहीं


सतरंगी ख्वाबों और इंद्रधनुषी सपनों से

धरती पछाड़ सच्चाई तक का ये सफर

थोड़ा मुश्किल तो है

पर नामुमकिन भी नहीं


हार कर माथा पीटना आसान है और

मुश्किलों से जीतना थोड़ा मुश्किल

मंज़िल की चाह तो बड़ी आसान है

पर उसकी डगर थोड़ी मुश्किल 


सपना देखना भी ज़रूरी है और

सपनो को पूरा करने की शिद्दत भी

सतरंगी ख्वाब भी हक़ीक़त हैं और

बेरंग पन्नों को रंग देने की

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