
या खुदा तूने आज क्या कहर बरपाया है
कांधा देने भी यहाँ कोई नहीं आया है
जीते जी भी कोई पास फटका नहीं यहाँ
मैयत पे भी यहाँ कोई रोने नहीं आया है
थामे नहीं थमता है मौत का ये सिलसिला
श्मशान का धुआं भी यहाँ थम नहीं पाया है
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या खुदा तूने आज क्या कहर बरपाया है
कांधा देने भी यहाँ कोई नहीं आया है
जीते जी भी कोई पास फटका नहीं यहाँ
मैयत पे भी यहाँ कोई रोने नहीं आया है
थामे नहीं थमता है मौत का ये सिलसिला
श्मशान का धुआं भी यहाँ थम नहीं पाया है