तुम मेरा साया बनकर रहे मगर
राह के उजाले तो सब तुम्हारे थे
सपने मेरी आंखों के सही,मगर
उनमें चांद सितारे सब तुम्हारे थे
मेरी राहें मैंने ही चुनी थी मगर
मंजिल के इशारे तो सब तुम्हारे थे
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तुम मेरा साया बनकर रहे मगर
राह के उजाले तो सब तुम्हारे थे
सपने मेरी आंखों के सही,मगर
उनमें चांद सितारे सब तुम्हारे थे
मेरी राहें मैंने ही चुनी थी मगर
मंजिल के इशारे तो सब तुम्हारे थे