गिरहा गिरहा जोड़ा मैंने..27/40. 40 Poems in 40 Days's image
105K

गिरहा गिरहा जोड़ा मैंने..27/40. 40 Poems in 40 Days

गिरहा गिरहा जोड़ा मैंने

अपनी विरहा की सांसों को

बूंद बूंद संजोया मैंने 

जीवन की सगरी प्यासों को


मीत की यादें मन के मोती 

चंद भी हों तो चांद के जैसी

मोतियों सा पिरोया मैंने

छोटी बड़ी सब यादों को


आँसू की हर बूँद में सिमटी 

छोटी बड़ी कोई कहानी 

Read More! Earn More! Learn More!