एक रोज मेरे मन ने चहकते हुए,
गाजर का हलवा खाने की इच्छा ज़ाहिर की,
मेरे बहुत ज़ोर देने के बाद भी,
उन्होंने नहीं बनाया गाजर का हलवा।
मैं उदास हुआ, फ़िर अपने मन को समझा लिया।
उसके अगले शाम बेहद प्रेम से बने,
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गाजर का हलवा खाने की इच्छा ज़ाहिर की,
मेरे बहुत ज़ोर देने के बाद भी,
उन्होंने नहीं बनाया गाजर का हलवा।
मैं उदास हुआ, फ़िर अपने मन को समझा लिया।
उसके अगले शाम बेहद प्रेम से बने,