
आगरा उत्तर प्रदेश के जाने माने कवि, लेखक एवं भूतपूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट डॉ वरुण चौधरी अंतरिक्ष से स्वर्णिम साहित्य की वार्तालाप -
प्रश्न 1. अपने बारे में सविस्तार बताइए ।
उत्तर 1. मैं पेशे से एक फिजीशियन (एम.डी. मेडिसिन) हूं और फिलहाल उत्तरप्रदेश प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। इससे पहले मैं भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर पोस्टेड था। मैं आज भी स्वयं को भारतीय फौज में सम्मिलित महसूस करता हूं। वायुसेना में जाने से पूर्व मैंने गौरवशाली किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस अध्ययन किया है।
मैं 27वें और 28वें राज्यस्तरीय विज्ञान मेला में राजस्थान के भरतपुर जिले का प्रतिनिधित्व कर चुका हूं। वहां मेरे विचारों और पत्रवाचन को खूब सराहा गया था। चिकित्सकीय कार्यों से समय मिलने पर मैं कवितायें और लेख लिखता हूं।
प्रश्न 2. आपको पहली बार कब एहसास हुआ कि आप रचनाकार बनना चाहते हैं?
उत्तर 2. काव्यप्रेम और साहित्य लेखन के बीज मेरे जेहन में बचपन से ही अंकुरित हो गये। लेकिन मेरे साथ डॉक्टर बनने की दृढ़ इच्छाशक्ति थी। इसलिए मैंने शुरुआत में काव्यप्रेम को केवल अपनी रुचि ही समझा। कॉलेज में मेरी कविता को मिसेज वाइस चांसलर द्वारा प्रथम पुरस्कार भी दिया गया।
सरकारी सेवा के दौरान 2013 में मेरी पोस्टिंग प्रयागराज कुम्भमेला में थी। उस दौरान मेरी वाइफ जब भी फोन करती तो वह मुझे कुम्भमेला के अनुभवों को डायरी में लिखने के लिये हमेशा प्रोत्साहित करती थी। अगले वर्ष अपने यात्रा वृतान्त को 184 पेज की एक पुस्तक "कुम्भमेला- एक डॉक्टर की यात्रा" के रूप में प्रकाशित करवाया तो साहित्य की दुनिया में दहलीज के बाहर यह मेरा पहला कदम था। जब मुझे सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलना शुरू हुईं तो मैं लेखनी के क्षेत्र में मुकाम हासिल करने के लिए आश्वस्त हो गया।
प्रश्न 3. आप अपने कुछ सुन्दर अनुभव बताएँ ।
उत्तर 3. मैंने मेडिकल कॉलेज के वार्षिकोत्सव के स्टेज पर स्वरचित कविता 'उजालों में' सुनायी थी। वहां मौजूद श्रोताओं ने खुशी से सराबोर होकर खूब तालियां बजायीं। इसके लिए मेरी कविता को मिसेज वाइसचांसलर ने प्रथम पुरस्कार दिया था।
मेरी पुस्तक 'कुम्भमेला- एक डॉक्टर की यात्रा' को तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव जी ने भी सम्मानित किया। मेरी पुस्तक के कई पाठकों ने मेरी लेखनी की प्रशंसा करने के लिए मुझे फोन किया तो यह मेरे लिए यादगार लम्हे थे। मैं 2019 में पुनः प्रयागराज कुम्भमेला गया। वहां मैंने मेला के पुलिस अधीक्षक महोदय (एसएसपी सर) और चिकित्सा शिक्षामंत्री महोदय को अपनी पुस्तक भेंट की। अच्छा लगता है जब सभी मेरी लेखनी की तारीफ करते हैं।
मैं पंजाब में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लवली प्रफेशनल यूनि
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