
इक पाती सासु मां के नाम
मेरा हाथ थाम के तुम लाई
अपने बेटे के जीवन में,
खुश तो बहुत हूं मैं पर
एक हलचल सी है मन में,
क्या तुम्हारे घर के दीये कि
मैं ज्योति बन सकती हूं,
एक बात बताओ मुझको मां
क्या मैं तुम्हारी बेटी बन सकती हूं?
मायका बहुत दूर है मेरा
माना उनसे रिश्ता है गहरा,
पर अब इस घर से जो जुड़ गया नाता
हर रंग यहां का मुझको सुहाता,
दीदी के जाने से जो बेरंग तुम्हारी
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