
बचपन से सुनती रही, चंदा मामा दूर के, पूये पकाये गुड. के.। चाँद चंदा मामा बनकर हम सबों का खूब खूब मन मोहा। फिर आयी यौवन की अठखेलियाँ, चाँद कुछ ज्यादा ही प्यारा लगने लगा., चाँद, उसकी धवल चाँदनी, उसे अपलक निहारना, मन ही मन बातें करना । यूँ तो चाँद शीतलता देता है, पर विरहाग्नि को और भी प्रज्वलित कर देता है.। मेघदूत में बादल संदेशा लेकर गये थे, पर चंदा, त
Read More! Earn More! Learn More!