नहीं भूलता's image

राग कितने भी हम गुनगुनाते रहें,

वो वतन का तराना नहीं भूलता |

 

चैन की नींद अब मुझको आती नहीं,

लोरियों का सुनाना नहीं भूलता |


आज थाली में कितने भी पकवान हों,

माँ के हाथों का खाना नहीं भूलता |

 

चाहे कद में या पद में बड़े हो चले,

मेरा बचपन पुराना 

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