गोद से उतर गया आँगन में
तू मेरा नन्हा सा खिलौना |
तेरा बचपन मेरी पूँजी
जल्दी जल्दी बड़ा न होना |
थोड़ा हँस लूं, मैं भी खेलूं
संग संग बचपन फिर से जी लूं |
बाह में भर लूं, गोद में ले लूं,
मीठी बातों का रस पी लूं |
जान समझकर खेल में हारूं,
तेरी खुशी में मैं जग जीतूं |
तू छुप जाता और मैं ढूढ़ूं,
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