बेटी's image

वो बन्द कमरे में रोती थी क्योंकि वो घर की बेटी थी।

सुबह सबसे पहले उठती थी फिर बैठ आंगन में बर्तन धोती थी।

घर के कमरे हो या आंगन सबका झाड़ू पोछो वो करती थी।


जब कभी दिल था दुखता बस अकेले में रोटी थी।

सबको भरपेट मिलता था खाना वो बस एक रोटी खाती थी। 


क्योंकि वो घर की बेटी थी।


बड़े भाई को नए कपड़े उसको वही पुराने वाले।

बड़े भाई को खेल खिलौने उसको झाड़ू और मकड़ी के जाले।।


बर्तन, खाना, कपड़े, झाडू उसको इसमे ही बांध दिया।

टूटा जो कोई काँच का बर्तन फिर डंडे से मार दिया।।

<

Tag: hindi और3 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!