नया राष्ट्र's image
सर्द की अलसाई भोर में उठती बालो को समेटते हुए
चाय का प्याला लिए देखा अखबारों को खोलते हुए
असमंजस्य हुआ अखबार है या इतिहास की पन्ने 
सुना था लूटा है दिल्ली को गजनी के लुटेरों ने
पर आज कौन गजनी से आया है
कौन सी सेना और कौन सी तलवार लाया है

क्या कोई मयूर सिंहासन लेगा
या लेगा कोई तख्त–ए–ताज
क्या ले जाएगा बहु बेटियां 
या कब्जाएगा कोई भूभाग 

नही... आज समय जो बदला है
अफगान नही, कोई गोरा है
पर कहां गए वीर
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