
सबके अलग-अलग मशवरे हैं मेरे लिए,
कोई कहता है तू जिद्दी बहोत हैं,
कोई कहता है तू बोलती बहोत हैं,
और कुछ कहते हैं कि तू खामोश बहोत हैं,
कोई कहता बिन कारण तू हंसती हैं बिन कारण तू रोती बहोत हैं,
पर उन्हें क्या पता कि मेरे पास कारण बहोत हैं,
कोई मुझसे बातें करता बहोत हैं,
तो कोई नाराज़ बहोत हैं,
कोई कहता है तू नदी सी ठहरती कहा है,
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कोई कहता है तू जिद्दी बहोत हैं,
कोई कहता है तू बोलती बहोत हैं,
और कुछ कहते हैं कि तू खामोश बहोत हैं,
कोई कहता बिन कारण तू हंसती हैं बिन कारण तू रोती बहोत हैं,
पर उन्हें क्या पता कि मेरे पास कारण बहोत हैं,
कोई मुझसे बातें करता बहोत हैं,
तो कोई नाराज़ बहोत हैं,
कोई कहता है तू नदी सी ठहरती कहा है,
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