
जो वृंदावन (पहली बार) जाएं उनके लिए चेतावनी है,
वहां रहता एक छलिया, करता वो मनमानी है ।
कदम रखते ही तुम, खुद पे खुद खींचे चले जाओगे,
छल लेगा वो तुम्हें, तुम हंसते हंसते छले जाओगे ।
तुम कुछ कर सकते नहीं, इस बात का ध्यान रखना,
जो एक बार छले गए, फिर बार बार छले जाओगे ।
सोच रहे होंगे तुम, इस छल से पीछा छुड़वा लोगे,
जितना पीछा छुड़वाओगे, उतने ही छले जाओगे ।
वो अपने छल से तुम्हें जीवन भर का बंधी बना लेगा,
तुम उसके छल से जीवन भर ना छुटकारा पाओगे ।
वो अपने छल से तुम्हें अपने दर्शनों का प्यासा कर देगा,
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