
आज तुम्हारा जन्मदिन है ये दिन मुझे हमेशा याद रहता है और ये तुम्हें भी शायद पता होगा ।
याद है तुम्हें, इस दिन सबसे पहली शुभकामनाएं मेरी होती थी,
रात को 12 बजने से पहले मैं घड़ी को पल पल निहारा करता था,
कब बजेंगे 12, कब बजेंगे 12, बस यही सोचकर बेचैन हुआ करता था,
आंखों में गहरी नींद होने के बावजूद भी मैं तुम्हें पहली विश करने के लिए जागा करता था ।
खैर छोड़ो, ये बताओ कि...
अब तुम्हें पहली शुभकामनाएं कौन देता है?
क्या उसे भी मेरी तरह तुम्हें विश करने की बेचैनी रहती है?
क्या तुम पहले की तरह अब भी पहली विश के लिए बेसब्री से इंतजार करते हो?
क्या उसे तुम्हारा जन्मदिन याद रहता है जिसकी किस्मत में तुम लिखे थे?
क्या वो आज के दिन सिर्फ़ तुम्हारे लिए समय निकालता है?
क्या वो तुम्हारे इस दिन को खास या यादगार बनाता है?
शायद तुम इन सवालों के जवाब ना दे पाओ,