सब चुप हैं !'s image
561K

सब चुप हैं !

सब चुप हैं !

नई बयार बह रही है,

सबको चुपचाप कह रही है,

चुप रहो, चुप रहो,

सब सहो, सब सहो,

दुःख है कोई, मत कहो,

बस कहो ...जय हो ...जय हो...,

बयार के बहाव को समझ रहे हैं लोग,

तभी उसे लगा रहे हैं भोग,

जरा-सी बात पर बिफरने वाले,

सहनशीलता का राग लगे हैं  गाने,

तभी तो आज चुप्पी छा गई है,

अँधेरे का राग गा रही है,

Read More! Earn More! Learn More!