
ये सोचा कि कल कर दूंगा
सारी समस्या हल कर दूंगा
ला दूंगा नभ को पांव किनारे
तज दूंगा सहारे न्यारे न्यारे
और करूंगा भ्रम समर्पण
स्वयं को लौ में करके अर्पण
मैं आकाश भर के सारे तारे
ला दूंगा स्वयं भुजबंध किनारे
बहेगी संघर्ष रुप बन धारा
वर्चस्व रहेगा सिर्फ हमारा
Read More! Earn More! Learn More!