नारी शक्ति की परिचारिका's image
103K

नारी शक्ति की परिचारिका

शील धरूं मैं शीलता और सौम्यता, 

हुं सरल औ सहज अगर समझ सके तो तू समझ

नहीं तो बिन सुलझी पहेली सी हूं मैं जटिलता 

कभी मासूम, नादान और नटखट सी मैं चंचलता

प्रेरित करूं तो मैं प्रेरणा, 

कभी ऊर्जा बन भरूं मैं तुझ मे वो चेतना

कभी प्रेम में मैं प्रेयसी, मैं प्रेमिका 

जैसी कृष्ण की हो राधिका 

बनी वेदना भूली जो संवेदना

अर्धांगिनी के रूप मे मैं हूं समर्पित संगिनी 

जैसे अर्धनारीश्वर शिव शम्भू के संग पार्वती

वात्सल्य से भरी मां हुं मैं ममतामयी

कभी शब्दों से भरी हूं मैं शब्दिता

Read More! Earn More! Learn More!