मैं अयादत अपने चिलमन से तेरे हुस्न गुलजार का किया करता था
मैं तरकीब से तेरे सफर मेंंं तेरे साथ आया करता थाा
देखा जब मैं उस दिन उन दीवारों केेे पीछे तुझे
यू दरिया में बैठकर गैरों केेेे बीच तेरा दीदार किया करता था।
महफूज हो गया था, तेरे हुस्न के मयखाने में ।मोहब्बत के झरने बह रहेेेेेे थे ,
मैं तरकीब से तेरे सफर मेंंं तेरे साथ आया करता थाा
देखा जब मैं उस दिन उन दीवारों केेे पीछे तुझे
यू दरिया में बैठकर गैरों केेेे बीच तेरा दीदार किया करता था।
महफूज हो गया था, तेरे हुस्न के मयखाने में ।मोहब्बत के झरने बह रहेेेेेे थे ,
Read More! Earn More! Learn More!