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कभी सर्दी, कभी गर्मी, कभी बरसात होती है।

नहीं होता है जो मौसम, उसी की बात होती है।।


अगर सर्दी हो तो गर्मी के गुण गाते नहीं थकते।

और गर्मी हो तो आकाश में बादल सदा तकते।।


जहां पर जून में, धरती हमें अंगार लगती है।

वहीं बरसात में, छतरी भी हमको भार लगती है।।


अगर पतझड़ हो तो हमको, बहारों की रहे चाहत।

बहारो

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