
जो न हो उपलब्ध, उसकी लालसा होती है हर क्षण,
जो न हो किस्मत में, उसके ख्याल आते हैं जहन में।
हो न जिसकी कामना,वो मिल भी जाए तो सहज है,
और जिसकी कामना हो, ना मिले, पीड़ा गहन में।।
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मन की वाचलता का न अनुमान, न पैमाना है कोई,
समय के संदर्भ में, नित स्वप्न नया रूप लेते।
मन के आंचल मे विचरती, काम
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