इम्तहान's image

जिस पर करें भरोसा पूरा, वो ही जब धोखा दे जाए।

तो किस पर विश्वास करें हम।।

सच्चे-झूठे वादे करके, अपनी बातों से फिर जाए।

तो फिर किसका नाम धरें हम।।


चेहरे से तो रंग दिखता है,पता नहीं लगता है मन का।

पुतली के पीछे छिप जाता,है जो असली भाव जहन का।।


चेहरे पर मुस्कान समेटे, अन्तर में छल, कपट छिपाए।

तो फिर उससे क्यों न डरें हम।।

सच्चे-झूठे वादे करके, अपनी ब

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