एक पल का सुख's image

एक पल का सुख, नहीं सुख की किसी श्रेणी में आता।

एक पल का दुःख, न मानव मन कदाचित झेल पाता।।

फिर भी हम सुख-दुख के,पलड़ों में सदा ही झूलते हैं।

दुःख मे निराशा से ग्रसित होते हैं, सुख में फूलते हैं।।

...

बिना सुख के दुःख का हर अहसास कमतर ही कहाता।

दुःख बिना गर सुख ही सुख हो,तो न सुख का मोल पाता।।

सुख न हो तो जिन्दगी की, हर खुशी बेनाम होंगीं।

और दुख के बिन, निरर्थक जिन्दगी नाकाम होगी।।

...

दुःख को दुख है, उसकी दुनियां में कहीं चाहत नहीं है।

सुख अधूरा क्योंकि, उसकी आत्मा आहत नहीं है।।

पूर्ण सुख या पूर्ण दुःख से जिन्दगी का क्रम न चलता।

दर्द और खुशियों से मिलकर ही सदा जीवन संभलता।।

...

सुख में हंसना, दुःख में रोना, ही नियति इंसान की है।

इनको मिलकर झेलने, खिलने में गति इंसान की है।।

इनकी अति करके, न अपनी जिन्दगी दुश्वार करना।

है जरूरी सदा सबसे,

Read More! Earn More! Learn More!