
तेजपाल सिंह 'तेज' : तीन क्षणिकाएं (31) : ((1) परहेज (2) बलिदान (3) ईंधन : 18 .03.2025: ( Write 40 Poems in 40 Days)
18 .03.2025: ( Write 40 Poems in 40 Days)
-31-
तीन क्षणिकाएं
-एक-
परहेज
एक दिन
अचानक एक नासेह ने
मेरी तकदीर को बांचा
तार-तार करके
मेरे हाथों की लकीरों
को भी
तीखी नजरों से ताड़ा
मेरे माथे को
बार-बार पढ़ा
और फिर कहा
बेटे! यदि तुम लम्बी उम्र
जीना चाहते हो तो
मृत्यु का
परहेज रखना ।
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नासेह : सदोपदेशक, सलाह देने वाला
-दो-
बलिदान
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