
तेजपाल सिंह 'तेज' : कविता - 9 : आंधियों के बीच (24.02.2025: Write 40 Poems in 40 Days)
24.02.2025: Write 40 Poems in 40 Days)
-9-
आंधियों के बीच
अभी तो
जिंदगी का
मुजरा देखना है,
वक़्त जो गुजरा, वो गुजरा देखना है।
कहने तो वो
कुछ भी कहें,
ये हक है उनका ,
उनकी अलकों, में भी गजरा देखना है।
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