तेजपाल सिंह 'तेज' : कविता-33: तीन क्षणिकाएं (1) सत्य के नाम पर (2) उलझन (3) परिभाषा घर की  ( 20.03.2025: ( Write 40 Poems in 40 Days)'s image
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तेजपाल सिंह 'तेज' : कविता-33: तीन क्षणिकाएं (1) सत्य के नाम पर (2) उलझन (3) परिभाषा घर की ( 20.03.2025: ( Write 40 Poems in 40 Days)

( 20.03.2025: ( Write 40 Poems in 40 Days)


-33-

तीन क्षणिकाएं


-एक-

सत्य के नाम पर


यहाँ पर गाय का

दूध बिकता है


सत्य के नाम पर

झूठ बिकता है।

0000

-दो-

उलझन

तमन्नाएँ ही

जीवन की उलझने हैं

बरबाद हो जाता है

इंसान

इनसे उलझकर

आसान पथ

की चाहत हम सब की

दुश्मनहै

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