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तेजपाल सिंह 'तेज' : कविता - 25 : खाकर भाँग सुबह इठलायी....(12.03.2025: Write 40 Poems in 40 Days)

(12.03.2025: Write 40 Poems in 40 Days)


-25-


खाकर भाँग सुबह इठलायी….



वासंती ॠतु हुई

 शराबी होली में,

खाकर भाँग सुबह इठलायी होली में।


बटन खोल तहजीब

नाचती सड़कों पर,

हुआ आचरण धुआँ दीवानी होली में ।


सबके सिर पर

राजनीति का रंग चढ़ा,

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