
तेजपाल सिंह ‘तेज’ :: डा. अंबेडकर के समर्थन और अपमान पर भाजपा का ड्रामा
डा. अंबेडकर के समर्थन और अपमान पर भाजपा का ड्रामा
-तेजपाल सिंह ‘तेज’
न्यूज लांडरी यूट्यूब चैनल के अतुल चौरसिया हास्य और व्यंग्य के लहजे में देश को क्रिसमस और नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहते है कि इस क्रिसमस पर सनी लियोनी का भी जन्मदिन मनाया गया। उन्होंने इस व्यंग्य के पीछे का खुलासा किया कि छत्तीसगढ़ सरकार की ‘महतारी वंदन योजना’ के तहत हर महीने 1000 रुपए का लाभ लेने वाले लोगों को मिलने वाले मुनाफे में इसे शामिल किया गया है। बस्तर कलेक्टर की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी की गई है, जिसमें यह जाहिर किया गया है कि सनी लियोनी के नाम पर ‘महतारी वंदन योजना’ चल रही थी। इस योजना का लाभ लेने के भाव से ‘सनी लियोनी’ के नाम से आईडी बनाई गई। लियोनी का नाम रजिस्टर्ड कराया गया। ज्ञात हो कि हर प्रांत की सरकार 1000 रुपए दे रही है। इस योजना के तहत महिलाओं को 1000-2000 रुपये दिए जाते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में सनी लियोनी का अकाउंट अब बंद हो जाएगा क्योंकि सरकार ने इस पर केस दर्ज कर दिया है। दरअसल यह एक जागरूकता अभियान है जो हमारी सरकारें भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाती हैं ताकि आपकी और हमारी आंखें लगातार खुली रहें।
यह भी कम नहीं कि देश में भाजपा अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करने में जुटी है। भाजपा के लिए राम मनोहर अस्पताल, दिल्ली से आया ‘ICU पर्यटन सेवा बुलेटिन’ है। अपोलो अस्पताल के ICU में दरवाजे भी खुलें हैं, जहाँ प्रवेश वर्जित है। ज्ञात हो कि यहाँ भाजपा के वीर पुरुष लालकृष्ण आडवाणी 14 दिसंबर से आईसीयू में भर्ती हैं। लेकिन भाजपा सरकार के किसी केंद्रीय मंत्री या विदेश मंत्री ने उनसे मिलने में रुचि नहीं दिखाई। भाजपा को 272 तक पहुंचाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी ने पूरा हफ्ता अस्पताल के आईसीयू में शांति से बिताया। वे भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत खराब होने की खबर सामने आ रही है। उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब शायद राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आईसीयू के दरवाजे खुलेंगे। यहां पर्यटन की अनुमति है।
इसके समर्थन में भाजपा के बड़े नेताओं और मंत्रियों ने एक गुमनाम नेता प्रताप सारंगी के कंधों पर पूरा ‘आईसीयू पर्यटन’ आयोजित कर दिया। सारंगी पिछली बार तब चर्चा में आए थे जब उन पर ऑस्ट्रेलियाई पादरी ग्राहम स्टेन्ट्ज़ और उनके छोटे बेटों की हत्या का आरोप लगा था। लोग कहते हैं कि सारंगी का मन बदल गया है। ।।।अब वे हारमोनियम बजाएंगे। इस घटना को समझने से पहले हमें ‘आईसीयू पर्यटन’ का विवरण पढ़ना होगा...आइए! भाजपा के एक ‘वीबीआईपी पर्यटन’ पर एक नजर डालते हैं। पता चला है कि इस मामले से जुड़े सभी वीडियो में आवाज़ गायब हो गई। जरा देखिये। 97 वर्षीय लौहपुरुष ‘सारंगी’ एक सप्ताह से ICU में थे। वैसे, आईसीयू में पर्यटन की अनुमति नहीं है लेकिन सारंगी को को देखने वाले भाजपा के जूता-चप्पल पहने नेताओं और गोदी मीडिया के पत्रकारों के लिए ‘आईसीयू’ एक पर्यटन स्थल बना हुआ था ।
कमाल तो जब हो गया, तब अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने सारंगी के डिस्चार्ज होने के बारे में बताया कि इस बारे में इलाज करने वाले वरिष्ठ डॉक्टर तय करेंगे कि आगे क्या करना है। वे अभी भी निरीक्षण में हैं। लेकिन एएनआई वालों ने एक कदम आगे बढ़कर ‘सीनियर लीडर्स’ लिख दिया। जैसे एएनआई हमें बता रहा हो कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल का दुनिया का पहला आईसीयू है, जहां सीनियर लीडरशिप डिस्चार्ज करने का फैसला करती है। सारंगी का मामला थोड़ा संवेदनशील है। वरिष्ठ नेतृत्व के समर्थन के बिना कुछ भी संभव नहीं है। और फिर अगले ही दिन सारंगी ने उसी कान की लकड़ी हटवा ली और चश्मा पहन लिया। जहाँ कल तक भारी रक्तस्राव की खबर थी। हम यह सोचने में अटके हुए हैं कि एक रात में यहाँ से यहाँ तक पहुँचने का चमत्कार कई चमत्कारों को समेटने वाला रहा है।
अब हम इस पर विस्तार से बात करते हैं। लेकिन पहले इस मामले को थोड़ा साफ कर लेते हैं। भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने धक्का देकर उनका सिर फोड़ दिया। सारंगी ने खुद कहा कि राहुल को पिछे से धक्का किसी अन्य सांसद धक्का दिया। और मैं गिर गया। किंतु गोदी मीडिया के रिपोर्टर्स सारंगी से बार-बाए एक ही सवाल कर रहे थे।।।Who pushed you? Rahul Gandhi? Yes, Rahul Gandhi। Rahul Gandhi pushed you? Rahul Gandhi। Rahul Gandhi। लेकिन इस वीडियो के रिपोर्टर का पूरा ध्यान राहुल गांधी पर था। सारंगी के बयान पर नहीं। उनकी प्राथमिकता राहुल का नाम बुलवाना था। उन्होंने यह काम बखूबी किया। समय की नजाकत को देखते हुए सारंगी ने भी अपना सुर बदला और राहुल का नाम जपना शुरू कर दिया। अब पूरा देश सदमे में था।
उन्हें चिंता थी कि यह घटना संसद भवन में हुई है या कोप भवन में। सीसीटीवी फुटेज क्यों नहीं है? थोड़ी देर में कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग उनके सांसदों को संसद भवन में घुसने से रोक रहे थे। इस प्रक्रिया में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खडगे को धक्का दिया और वो लड़खड़ा कर एक कोने में गिरते हुए बैठ गए। राहुल गांधी ने भी इसे स्वीकार किया और कहा,’ यह संसद का प्रवेश द्वार है। मैं अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। भाजपा सांसद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे। वे मुझे धक्का दे रहे थे, धमका रहे थे। तो यही हुआ।‘ लेकिन राहुल गांधी के इस बयान को भाजपा के आईटी सेल के कर्मचारियों ने बीच में ही रोक दिया।
अब इस कहानी की प्रस्तावना पर आते हैं। गृह मंत्री अमित शाह संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर अपना आखिरी भाषण दे रहे थे। उनकी जुबान थोड़ी सख्त थी। उन्होंने मूँह बनाते हुए तल्ख वाणी में यकायक यह कह दिया कि अब अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहने का फैशन हो गया है। अगर भगवान का इतना नाम लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। हमने इस बयान की पृष्ठभूमि सुनी और पाया कि अमित शाह के शब्द वही थे, हालांकि इसमें अंबेडकर के अपमान की भावना साफ झलक रही थी। कहना न होगा कि अमित शाह के इस बयान में अम्बेडकर को बहुत ही कमतर आँकने का काम किया। फिर से सुनिए।।।अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। अगर भगवान का इतना नाम ले लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। यह सुनकर अमित शाह के बयान का सीधा अर्थ यही लगाया जा सकता है कि अंबेडकर को छोड़ो और भगवान की पूजा करो, स्वर्ग मिलेगा। विपक्ष ने भी अमित शाह के बयान को इसी तरह से समझा। सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर हमला किया और कहा कि वह सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी। संसद के अंदर और संसद के बाहर क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है, यह भाजपा सभी संभावनाओं को देखकर तय करेगी। अमित शाह का अपना अंदाज है, जब उनका मन करता है, मीडिया को प्रेस वार्ता करके भड़का देते हैं। और जब वह फंस जाता है, तो वह मीडिया के पास जाता है और उसे उसकी जिम्मेदारी याद दिलाता है।
इतना ही नहीं, अमित शाह ने एक्स (X) को निर्देश दिया गया कि अमित शाह का बयान हटा दिया जाए। लेकिन एक्स ने अमित शाह के इस आदेश को मानने से मना कर दिया। अब वापस संसद भवन की ओर चलते हैं। देखते है कि वहां क्या हुआ? संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन था। विपक्ष जहां अंबेडकर की तस्वीरों के साथ अमित शाह का विरोध कर रहा था। वहीं भाजपा सांसद भी अपनी योजना लेकर पहुंच गए। शायद योजना यह थी कि विपक्ष के सांसदों को संसद भवन के अंदर न आने दिया जाए। न तो वे अंदर जाएंगे और न ही देश को पता चलेगा कि अमित शाह ने आखिर कहा क्या था। खैर, आम लोगों को सबूत चाहिए। धूर्त एंकरों को नहीं।
देखिए X-हैंडल पर प्रस्तुत मोदी जी की स्वामी भक्ति के कुछ उदाहरण। कांग्रेस की अंबेडकर प्रेम कहानी। जब नेहरू खुद अपने भगवान को दो बार हराने के लिए युद्ध के मैदान में उतर गए। अमित शाह और नरेंद्र मोदी को हराने की कोशिश में बाबा साहब अंबेडकर का अध्याय उन्हें बुरी तरह बेनकाब करेगा। झूठे आख्यान से राजनीतिक सत्ता हासिल नहीं की जा सकती। और इसका सबसे ताजा उदाहरण गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो है। जिसे कांग्रेस ने तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की। आज कांग्रेस ने अमित शाह के भाषण को लेकर फिर झूठ बोला। दरअसल, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस झूठ की दुकान बन गई है।“ यह कहानी निरानिरी झूठ के पैरों पर खड़ी है। इस प्रकार की बातें करना भाजपा की दो रुपए वाले ट्रोल ग्रुप की बाखूबी करने को बाध्य है। यदि भाजपा के ट्रोल ग्रुप को भूल जाएं तो क्या भाजपा ने संसद के शीत काल में जो धक्का-मुक्की के प्रचार में कौन सी कमी की थी। खुलकर आरोप लगाया गया कि संसद भवन में बीजेपी सांसद का सिर टूट गया। संसद में राहुल की कुश्ती? राहुल गांधी के खिलाफ एफ आई आर लिखाई गई और वह भी कुछ ऐसी धाराओं में जिनके तहत राहुल गांधी को 7 साल की जेल हो सक