
क्यों हूँ क्या हूँ
क्यों घूमता हूँ दरबदर
क्यों मिलने से कतराते है
क्यों घूमता हूँ दरबदर
क्यों मिलने से कतराते है
लोग इस कदर
मैं भी तुम्हारा हिस्सा हूँ।
फिर क्यों अलग दिखता हूँ
रहता हूँ तुम्हारी दुनिया में
क्यों नहीं मैं किसी का रिश्ता हूँ।
माना कुछ नहीं है मेरे पास
फिर भी ये जमीन
आसमान मेरा है
मैं भी तुम्हारा हिस्सा हूँ।
फिर क्यों अलग दिखता हूँ
रहता हूँ तुम्हारी दुनिया में
क्यों नहीं मैं किसी का रिश्ता हूँ।
माना कुछ नहीं है मेरे पास
फिर भी ये जमीन
आसमान मेरा है
इसके
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