आज शाम जरा फीकी सी थी हल्की गर्म हल्की ठंड!!
एक तूफान समेटे खुद में इंतजार रात का कर रही थी!!
कुछ कह पाना तो मुश्किल है क्या करना वो चाह रही है बस इतना तो सब जाने है कि बात कोई गंभीर ह
एक तूफान समेटे खुद में इंतजार रात का कर रही थी!!
कुछ कह पाना तो मुश्किल है क्या करना वो चाह रही है बस इतना तो सब जाने है कि बात कोई गंभीर ह
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