
बड़ी खूबसूरत है यह खामोशी, वो कहते थे,
फिर जाने क्या बात हुई, जाने क्या बदला
न जाने कब यह खामोशी सन्नाटे में बदली
वो कहते थे तुम्हारी आंखे है तुम्हारे दिल की ज़ुबां
फिर सवाल ऐसा किया के नजरें झुक गई मेरी
जवाब में लब तो खुले,पर बस एक आह निकली
इन अश्को से
फिर जाने क्या बात हुई, जाने क्या बदला
न जाने कब यह खामोशी सन्नाटे में बदली
वो कहते थे तुम्हारी आंखे है तुम्हारे दिल की ज़ुबां
फिर सवाल ऐसा किया के नजरें झुक गई मेरी
जवाब में लब तो खुले,पर बस एक आह निकली
इन अश्को से
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