प्रेम नहीं होता शापित , ना ही प्रेमी मन!
शापित होते हैं जीवन और उनसे जुड़ी व्यथाएँ,
सभी संबंध, सभी चेष्टाएँ।
जिनके प्रभाव में आकर ये शाप लगते हैं इस नश्वर देह को,
वे कभी स्वयं अभिशप्त नहीं होते;
वे होते हैं किसी तप विलीन ऋषि से!
जिनकी तपस्या भंग का पाप
हमारे उल्लसित जीवन को बना देता
Read More! Earn More! Learn More!