वे वहाँ पर देश की दीवार बनकर के खड़े हैं ।
दुश्मनों को क्या पता है, वीर पर्वत से अड़े हैं।
जो कोई हथियार की धमकी दिया करते हैं हमको ,
सैनिकों के हौंसले हथियार से उनके बड़े हैं ।।
जब भी दुश्मन लाँघ आया , कर दिया उसका दमन।
सैनिकों को है नमन , सैनिकों को है नमन ।।
छोड़कर माता-पिता को देश की ख़ातिर उन्होंने ,
सरहदों के नाम ही जीवन स्वयं का कर दिया है ।
चाहे दीवाली स्वयं की, गुज़र भी जाएँ अँधेरी।
पर स्वयं के शौर्य से भारत
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