जब बज रहे हो रात के बारह ,
और शान्ति हो चारों ओर
तो सुनना -
बोलती है घड़ी ,
बहुत तेज।
क्या दिन में नहीं बोलती ?
अजी ! बोलती है -
लेकिन दिन भर की बाहर की आवाजें
नहीं सुनने देतीं उसे
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जब बज रहे हो रात के बारह ,
और शान्ति हो चारों ओर
तो सुनना -
बोलती है घड़ी ,
बहुत तेज।
क्या दिन में नहीं बोलती ?
अजी ! बोलती है -
लेकिन दिन भर की बाहर की आवाजें
नहीं सुनने देतीं उसे