अंतिम अनुनय's image
349K

अंतिम अनुनय

लाऊं चंद्रमा लिए तुम्हारे? 

या विभावरी कर दूं खाली,

या हर के , सुरभि पुष्पों की,

राह तेरी कर दूं मतवाली ?

किंतु इन कल्पित बातों पर,

जानूं तुम ना ध्यान धरोगे, 

इसलिए प्रिये बतला दो इतना....

कैसे तुम विश्वास करोगे ?


मुझ निर्धन के पास हृदय था,

वह भी तुमको दे डाला ,

केवल प्राण बचे हैं मुझपर ,

दे दूं होकर दीवाला ?

किंतु यदि मैं मर

Read More! Earn More! Learn More!