रात का अंधियारा हर किसी को नहीं डराता है
हर जलता चिराग सबकी राह कहां रोशन कर पाता है
डरना किससे है,डराना किसको है
कौन दिया मेरा है,किस चिराग तले अंधेरा है
यह तय किया सबने अपने तरीके से है
लाखों दामिनी राह में बिछी हो फिर भी
एक भी कदम ना रख पाये हम सही
हिम्मत की रोशनी हो तो हर
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