
अफसाने जो दिन के सिले थे
और जो कहानियां बुनी थी रातों में
हक़ीक़त से कोसों दूर था
बस डुब कर रहा तेरी आंखों की गहराइयों मे
वो रातें जो कटी, दिन
और जो कहानियां बुनी थी रातों में
हक़ीक़त से कोसों दूर था
बस डुब कर रहा तेरी आंखों की गहराइयों मे
वो रातें जो कटी, दिन
Read More! Earn More! Learn More!