वक्त's image
अफसाने जो दिन के सिले थे 
और जो कहानियां बुनी थी रातों में  
हक़ीक़त से कोसों दूर था 
बस डुब कर रहा तेरी आंखों की गहराइयों मे
वो रातें जो कटी, दिन
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