
उलझनों
और कश्मकश में..
उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ...
ऐ जिंदगी !
तेरी हर चाल के लिए....
मैं दो चाल लिए बैठा हूँ |
लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी
आँख - मिचोली का ...
मिलेगी कामयाबी,
हौसला कमाल का लिए बैठा हूँ l
चल म
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उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ...
ऐ जिंदगी !
तेरी हर चाल के लिए....
मैं दो चाल लिए बैठा हूँ |
लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी
आँख - मिचोली का ...
मिलेगी कामयाबी,
हौसला कमाल का लिए बैठा हूँ l
चल म