मन टूट जाता है, जब सांथ छोड़ देते हैं अपने. .
सपना टूट जाता है, जब सांथ छोड़ देते हैं अपने .
हर सपनों के वही तो मंज़िल होते हैं,
हर कश्ती के वही तो शाहिल होते हैं.
नइया डुब जाती है,जब सांथ छोड़ देते हैं अपने ...
मन टूट जाता है, जब सांथ छोड़ देते हैं अपने. ..
और इस पल में हम यूं बिखर जाते हैं,
जैसे कोई माला हो गुथती हुुई अपूर्ण
बाकि हो जिसमें मोती सिर्फ दो-चार ही.
फेंक दिया जाता हो जिसे पुुुरा होने&nb
सपना टूट जाता है, जब सांथ छोड़ देते हैं अपने .
हर सपनों के वही तो मंज़िल होते हैं,
हर कश्ती के वही तो शाहिल होते हैं.
नइया डुब जाती है,जब सांथ छोड़ देते हैं अपने ...
मन टूट जाता है, जब सांथ छोड़ देते हैं अपने. ..
और इस पल में हम यूं बिखर जाते हैं,
जैसे कोई माला हो गुथती हुुई अपूर्ण
बाकि हो जिसमें मोती सिर्फ दो-चार ही.
फेंक दिया जाता हो जिसे पुुुरा होने&nb
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