मुझ पर लाखों मरते थे जनाब।'s image
104K

मुझ पर लाखों मरते थे जनाब।

मुझ पर लाखों मरते थे।

पर यह दिल उस पर मर बैठा।

जो हमें ही मार बैठा।

मोहब्बत भी वह मौतें अंजाम है।

जिसके बाद कोई अंजाम नहीं आता।

दर्द जब अपने दिल में होता है जनाब।

तो उस दर्द को कम करने कोई नहीं आएगा।

जितना किसी के पीछे भागोगे।

वह उतना ही भागाएगा ।

वह हर घड़ी हर पल आपकी औकात दो कौड़ी की बताएगा।

कोई मर्द पैदा नहीं हुआ जो इस दिल पर मरहम लगाएगा।

शौक नहीं मुझे मर्दों का यह

Read More! Earn More! Learn More!