
तुम्हें हम जब जब याद करते होंगे।
तब तब तुम्हें आती होंगी हिचकियां।
जब जब हम तुम्हारी अदा पर मरते होंगे।
तब तब लड़ती होंगी तेरी गाड़ियां।
जब जब हम मुस्कुराते होंगे।
तब तक मुस्कुराती होंगी तेरी डायरिया।
जब-जब इन आंखों में आंसू आते होंगे।
तब तब तेरे इन दराज में रखे उन पन्नों में उठती होंगी चिंगारियां।
जब जब तेरी नजरें मेरी पलकों पर पड़ती होंगी।
तब तब होती होंगी दिवालिया।
म
Read More! Earn More! Learn More!