हुस्न।'s image

हुस्न का दीदार करना हो अगर कभी।

हमारी गलियों में आ जाना।

जब तड़पता हो दिल तुम्हारा।

फिजूल का उसको मत समझाना।

मेरे घर की एक-एक ईद पर तुम मोहब्बतें दास्तान उकेरवाना।

जब गुजरे कोई आशिक यहां से।

तुम एक किस्सा उसे सुनाना।।

जब थक जाए मेरी आंखें तुम्हारे इंतजार में।

तुम झूठा ही सही अपने बिल्डिंग की छत पर खड़े होकर चिल्लाना।

मैं हूं अभी।

यही ख्वाहिशों का एक पन्ना दोहराना।

हुस्न का दीदार करना हो कभी अगर।

हमारी गलियों से गुजर जाना।

मेरे घर की एक-एक सीट पर तपते अंगार जो

Read More! Earn More! Learn More!