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चलो सपनों के जहां

चलो सपनों के जहां,

जहां खुशियों की हो बरसात,

जहां आसमान नीला न हो,

बस रंगों के खेल में हो सबसे ज्यादा विश्वास।


जहां सब कुछ संभव हो,

चाहे वो जीतना हो या हारना,

वहां ना हो सामान्य सोच,

बस निरंतर बदलते रंगों में हो सफर अपना।


जहां फूल खिलते रहें,

चिड़ियों की गति संगीत सी हो,

जहां हर किसी का अपना साथी हो,

वहां स्वतंत्रता का उद्घोष हो।


जहां अद्भुत दुनियां बनती रहें,

सफर में हो खोज का जज़्बा,

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