![वो फेमिनिज्म है न's image](/images/post_og.png)
मैं सफर कर रही थी...
हाथ में किताब थी!
सुजाता चोखेरबली मैम की किताब "एक बटा दो”....
ऑफिस का काम आ गया, तो किताब किनारे रख दी...
फोन में व्यस्त हो गई...
पड़ोस वाले भैया ने झट से मुझसे वो किताब मांग ली;
जैसे वो प्रतीक्षा में हों...
मेरे किताब बंद करने की...
मैंने दे दी, वो पढ़ने लगे...
पढ़ते-पढ़ते उन्होंने काफी वक्त गुजारा, फिर मैं भी उनसे किताब वापस न मांग सकी...
मैंने फोन में ही खुद को व्यस्त रखा!
काफी देर पढ़ने के बाद...
उन्होंने किताब को बंद किया;
एक लंबी गहरी सांस ली...
फिर मुझे किताब
हाथ में किताब थी!
सुजाता चोखेरबली मैम की किताब "एक बटा दो”....
ऑफिस का काम आ गया, तो किताब किनारे रख दी...
फोन में व्यस्त हो गई...
पड़ोस वाले भैया ने झट से मुझसे वो किताब मांग ली;
जैसे वो प्रतीक्षा में हों...
मेरे किताब बंद करने की...
मैंने दे दी, वो पढ़ने लगे...
पढ़ते-पढ़ते उन्होंने काफी वक्त गुजारा, फिर मैं भी उनसे किताब वापस न मांग सकी...
मैंने फोन में ही खुद को व्यस्त रखा!
काफी देर पढ़ने के बाद...
उन्होंने किताब को बंद किया;
एक लंबी गहरी सांस ली...
फिर मुझे किताब
Read More! Earn More! Learn More!