कुछ यादें's image
511K

कुछ यादें

वो 7 दिसम्बर की ही सुबह थी जब आख्रिरी बार मिले थे "हम-तुम"….क्योंकि रात #तुमने एक नयी शुरुआत करनी थी किसी अजनबी के साथ....

आखिरी बार मेरे सीने से लग जाना चाहती थीं तुम, पर न जाने क्यों तुम्हारी बात मानने वाला मैं, चाह कर भी तुम्हारी इस ख्वाहिश को पूरा न कर सका, हर बार मेरे लबों पर अपनी नर्म उँगलियाँ फेरती थीं तुम पर जाने, जाते-जाते क्यों मेरे लबों से लब मिला गयीं तुम....

मुझसे हमेशा मुस्कुराने का वादा ले, अपने सारे वादे भूल, मुझसे दूर जा रहीं थीं तुम, मुझे ये दुआ देकर की सदा #खुश रहना तुम...

Read More! Earn More! Learn More!